संसद में 'गिलोटिन' से होगा बजट पास? भाजपा-कांग्रेस ने क्या खास बनाई रणनीति हैं

भारत की संसद में बजट सत्र का आखिरी चरण जारी है, संसद में बजट सत्र के दौरान हंगामा मचा हुआ है और सरकार 'गिलोटिन' प्रक्रिया से बजट पास करने की तैयारी में है। इस प्रक्रिया को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है। आइए जानते हैं कि 'गिलोटिन' क्या है और इसका बजट प्रक्रिया में क्या महत्व है।



गिलोटिन' प्रक्रिया क्या है?

'गिलोटिन' एक संसदीय प्रक्रिया है, जिसका उपयोग तब किया जाता है जब किसी कारण से संसद में सभी अनुदान मांगों पर चर्चा पूर्ण रूप से नहीं हो पाती है, तब इस स्थिति में, सरकार एक निश्चित समय सीमा में बिना बहस के सभी लंबित मांगों को मतदान के जरिए पारित करवा सकती है। जिसके जरिए से किसी विधेयक को संसद में बिना किसी चर्चा के पारित किया जा सकता है।


भाजपा और कांग्रेस की रणनीति


भाजपा की रणनीति

-व्हिप जारी:

 भाजपा ने अपने ही सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है, जिसमें यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी सांसद उपस्थित रहें और सरकार के पक्ष में मतदान करें।


कांग्रेस की रणनीति

- विपक्ष का विरोध: कांग्रेस ने इस प्रक्रिया को लोकतांत्रिक चर्चा के खिलाफ बताते हुए विरोध की योजना बनाई है।

- लोकसभा में सवाल: 

कांग्रेस सांसद बजट प्रावधानों पर विस्तृत चर्चा की मांग कर सकते हैं और सरकार से जवाबदेही की मांग करेंगे।


'गिलोटिन' प्रक्रिया का प्रभाव 

- सरकार को फायदा: इस प्रक्रिया से सरकार को जल्दी बजट पास करवाने के लिए मदद मिलेगी, जिसकी वजह से सरकार नीतिगत फैसले जल्द लिए सकते हैं।

- विपक्ष के लिए चुनौती: 

विपक्ष को अपनी मांगें रखने के लिए कम समय मिलता है, जिससे उनके लिए बहस करना मुश्किल हो जाता है।

- आर्थिक स्थिरता: 

बजट समय पर पास होने से देश की आर्थिक स्थिरता बनी रहती है और योजनाएं समय पर लागू की जा सकती हैं।


निष्कर्ष

'गिलोटिन' प्रक्रिया संसदीय नियमों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो सरकार को समय की कमी की स्थिति में बजट पारित करने की सुविधा देता है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है, और आने वाले दिनों में संसद में इस मुद्दे पर बहस देखने को मिल सकती है।

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